बारिश की हर बूँद कुछ मीठी याद दिलाती है तेरे साथ ना होने पर भी साथ होने का एहसास दिलाती है लाखो दूरियाँ सही पर तेरी नज़दीकियों का एहसास दिलाती है भीग जाऊ उन सिमटी यादों में, के अब हर बूँद मुझे तेरी याद दिलाती है...
“कमाल की चीज है ये मोहब्बत अधूरी हो सकती है, पर कभी खत्म नही हो सकती।”
वो ख़्वाब ही क्या जिसे पूरा ना कर सके…. वो मंजिल ही क्या जिसे हासिल ना करे सके वो बेगुनाही ही क्या जिसे साबित ना करे सके और वो मोहब्बत ही क्या जिसके काबिल ना बन सके
“पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है. वो अपना हो न हो…दिल पर राज हमेशा उसी का रहता है।”
ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है, शमां जिसको भी जलाती है, वो परवाने बन जाते है। कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती, किसी को खोकर भी, कुछ लोग दिवाने बन जाते
“कोई नही था, कोई नही होगा, तुमसे ज्यादा मेरे दिल के करीब।”
चलते चलते राह में उनसे पहली मुलाकात हुई, वो कुछ शरमाई फिर सहम सी गई, दिल तो हमारा भी किया कि कह दे उनसे अपने दिल की बात… पर कम्बखत इस दिल की इतनी हिम्मत ही न हुई.
कहतें हैं कि मोहबत एक बार होती है, पर मैं जब जब उसे देखता हूँ, मुझे हर बार होती है॥
जब यार मेरा हो पास मेरे, मैं क्यूँ न हद से गुजर जाऊँ, जिस्म बना लूँ उसे मैं अपना, या रूह मैं उसकी बन जाऊँ। लबों से छू लूँ जिस्म तेरा, साँसों में साँस जगा जाऊँ, तू कहे अगर इक बार मुझे, मैं खुद ही तुझमें समा जाऊँ।
“ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है, मोहब्बत के लिए, फिर एक दूसरे से रूठकर वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है।”
अलफ़ाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता हैं यहाँ पानी को भी प्यास लिखा जाता हैं मेरे ज़ज़्बात से वाकिफ हैं मेरी कलम, मैं प्यार लिखू तो तेरा नाम लिखा जाता हैं
आज बारिश मे तेरे संग नहाना है, सपना ये मेरा कितना सुहाना है, बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठो पे, उन्हे अपने होठो से उठाना है!!
बाहर से सूरज की गर्मी की तरह अंदर से बारिश की बूंदो की तरह क्या बोलू उसके बारे में..वो तो हैं घने बादलो में इंद्र धनुष की तरह